देश की प्रथम महिला श्रीमती शुभ्रा मुखर्जी का आज सुबह (18 अगस्त 2015) को निधन हो गया है। उन्होंने सवेरे 10 बजकर51 मिनट पर अंतिम सांस ली। वे कुछ समय से बीमार चल रही थीं। बांग्लादेश के नारेल में जन्मीं शुभ्रा मुखर्जी का विवाह वर्ष 1957 में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से हुआ इनके दो पुत्र और एक पुत्री समेत तीन बच्चे हैं। सुव्रा मुखर्जी रवींद्र संगीत की गायिका थी और पेंटर भी थीं। उन्होंने दो किताबें भी लिखी थीं।
प्रथम महिला श्रीमती शुभ्रा मुखर्जी का जीवन परिचय
श्रीमती शुभ्रा मुखर्जी का जन्म 17 सितंबर 1940 को जेस्सोर (अब बंगलादेश में) में हुआ था और 13 जुलाई 1957 को श्री प्रणब मुखर्जी के साथ उनका विवाह हुआ था। श्रीमती शुभ्रा मुखर्जी ने स्नातक तक शिक्षा हासिल की थी। वे देश के राष्ट्रीय कवि गुरुदेव रविन्द्र नाथ टैगोर की प्रबल प्रशंसक थीं। वे रविन्द्र संगीत की गायिका थीं और उन्होंने देश के कई हिस्सों में ही नहीं बल्कि यूरोप, एशिया और अफ्रीका में भी कवि रविन्द्र नाथ के डांस-ड्रामा में कई वर्षों तक हिस्सा लिया था। श्रीमती मुखर्जी ने दो पुस्तकें : ‘चोखेर अलॉय’ और ‘चेना अचेनाई चीन’ लिखीं हैं। ‘चोखेर अलॉय’, उनका श्रीमती इंदिरा गांधी के साथ करीबी संबंधों का निजी विवरण है और ‘चेना अचेनाई चीन’ चीन की उनकी यात्रा पर एक यात्रा वृतांत हैं। श्रीमती शुभ्रा मुखर्जी ने ‘गीतांजलि ट्रूप’ की स्थापना की थी जिसका मकसद रविन्द्र नाथ टैगोर के डांस-ड्रामा और गीतों के जरिये व्यक्त किए गए दर्शन को फैलाना था। ट्रूप के सभी कार्यक्रमों की वे मार्गदर्शक थीं।
प्रथम महिला श्रीमती शुभ्रा मुखर्जी का जीवन परिचय
श्रीमती शुभ्रा मुखर्जी का जन्म 17 सितंबर 1940 को जेस्सोर (अब बंगलादेश में) में हुआ था और 13 जुलाई 1957 को श्री प्रणब मुखर्जी के साथ उनका विवाह हुआ था। श्रीमती शुभ्रा मुखर्जी ने स्नातक तक शिक्षा हासिल की थी। वे देश के राष्ट्रीय कवि गुरुदेव रविन्द्र नाथ टैगोर की प्रबल प्रशंसक थीं। वे रविन्द्र संगीत की गायिका थीं और उन्होंने देश के कई हिस्सों में ही नहीं बल्कि यूरोप, एशिया और अफ्रीका में भी कवि रविन्द्र नाथ के डांस-ड्रामा में कई वर्षों तक हिस्सा लिया था। श्रीमती मुखर्जी ने दो पुस्तकें : ‘चोखेर अलॉय’ और ‘चेना अचेनाई चीन’ लिखीं हैं। ‘चोखेर अलॉय’, उनका श्रीमती इंदिरा गांधी के साथ करीबी संबंधों का निजी विवरण है और ‘चेना अचेनाई चीन’ चीन की उनकी यात्रा पर एक यात्रा वृतांत हैं। श्रीमती शुभ्रा मुखर्जी ने ‘गीतांजलि ट्रूप’ की स्थापना की थी जिसका मकसद रविन्द्र नाथ टैगोर के डांस-ड्रामा और गीतों के जरिये व्यक्त किए गए दर्शन को फैलाना था। ट्रूप के सभी कार्यक्रमों की वे मार्गदर्शक थीं।
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