राजस्थान देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है जिसने अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) के अंतर्गत राज्य की वार्षिक कार्य योजना प्रस्तुत कर दी है जिसका उद्देश्य राज्य के सभी शहरी निवासियों को पानी की आपूर्ति और सीवरेज कनेक्शन प्रदान करना है। राज्य सरकार ने वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा मंजूर 1,087 करोड़ रुपए की दो श्रेणियों के अंतर्गत परियोजनाओं का प्रस्ताव रखा है। राज्य वार्षिक कार्य योजना के अंतर्गत, अमृत परियोजनाओं को राजस्थान के 28 अमृत शहरों में से 13 में हाथ में लेने का प्रस्ताव है। इनमें अलवर, ब्यावर और नागौर जिला शामिल है जहां पानी की आपूर्ति और सीवरेज परियोजनाओं को शुरू किया जाएगा जबकि सात अन्य शहरों बारन, भीवर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, धौलपुर, गंगानगर शहर और सुजानगढ़ में जलापूर्ति परियोजनाएं हाथ में ली जाएंगी। भिवाड़ी, सीकर और उदयपुर शहरों में सीवरेज और सेप्टेज प्रबंधन परियोजनाएं शुरू की जाएंगी।
राज्य सरकार ने घरों को पानी के आपूर्ति के कनेक्शन और सीवरेज नेटवर्क सेवाओं के अंतर्गत लाने में उत्पन्न कमियों का विश्लेषण करने के बाद मिशन दिशा निर्देशों में दिए गए सुझाव के बाद प्राथमिकता के सिद्धांतों के अनुरूप यह कार्य हाथ में लिया है। 28 अमृत शहरों में पानी की आपूर्ति के कनेक्शन के संबंध में, कवरेज का दायरा नागौर में 28 प्रतिशत और भिवाड़ी में 98 प्रतिशत है। पानी की आपूर्ति की मात्रा के संबंध में यह गंगापुर शहर में 38 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन से कोटा में 150 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन है। गंगापुर और हिंदौन शहर में यह 50 लीटर से कम है जबकि सात शहरों में यह 51-75 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन, पांच शहरों में 76-100 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन और 12 शहरों में यह 100 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन से ज्यादा है। शहरी इलाकों में पानी की आपूर्ति के राष्ट्रीय मानक 135 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन हैं। 10 शहरों बारन, ब्यावर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, गंगानगर शहर, हिंदौंन शहर, सवाई माधोपुर, सीकर, सुजानगढ़ और टोंक में कोई सीवरेज नेटवर्क नहीं है। ब्यावर, भिवाड़ी और सीकर में सीवरेज परियोजनाएं प्रस्तावित हैं। जबकि शेष शहरों में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के बाद इन्हें हाथ में लिया जाएगा। अन्य शहरों में सीवरेज नेटवर्क सेवाओं की कवरेज 6 शहरों में 10-25 प्रतिशत, 03 शहरों में 26-50 प्रतिशत, 05 में 51-75 प्रतिशत और 04 शहरों में 75 प्रतिशत से ज्यादा है।
6 सीवरेज और सेप्टेज प्रबंधन परियोजनाओं के लिए 555 करोड़ रुपए और पानी की आपूर्ति की 10 परियोजनाओं के लिए 344 करोड़ रुपए का प्रस्ताव रखा गया है। 13 शहरों में परियोजना खर्च इस प्रकार हैः- ब्यावर-154 करोड़ रुपए, अलवर-130 करोड़ रुपए, भिवाड़ी-110 करोड़ रुपए, नागौर-110 करोड़ रुपए, सीकर-110 करोड़ रुपए, उदयपुर-85 करोड़ रुपए, बारन-50 करोड़ रुपए, चित्तौड़गढ़-40 करोड़ रुपए, गंगानगर शहर-40 करोड़ रुपए, धौलपुर-30 करोड़ रुपए, भीलवाड़ा-25 करोड़ रुपए, सुजानगढ़-25 करोड़ रुपए। आवश्यक सुधारों के कार्यान्वयन के संबंध में राज्य सरकार ने सूचना दी है कि प्रत्येक शहर के लिए वेबसाइट बनाने, सभी 18 कार्यों को शहरी स्थानीय निकायों को हस्तांतरित करने, नियमों में संशोधन, इमारत बनाने के लिए एक जगह पर क्लीयरेंस, कर राजस्व का 90 प्रतिशत कवरेज को अगले 6 से 12 महीने में अमल में लाया जाएगा।
राजस्थान सरकार ने जानकारी दी है कि सांसदों, विधायकों, शहरी स्थानीय निकायों के अध्यक्षों और जनता जैसे साझेदारों के साथ पर्याप्त विचार विमर्श किया गया है और उनके सुझाव और विचारों को सेवा स्तर सुधार योजना में शामिल किया गया है जिन्हें राज्य वार्षिक कार्य योजना तैयार करते समय जोड़ा जाएगा। देश में पहली बार परियोजनाओं की पहचान सहित शहरी विकास योजनाओं को तैयार करने, उनका मूल्यांकन और मंजूरी का कार्य राज्यों को दिया गया है और राजस्थान पहला ऐसा राज्य है जिसने इस नई संरचना के अंतर्गत कार्य किया है। राज्य वार्षिक कार्य योजनाओं की विस्तृत जांच के बाद शहरी विकास मंत्रालय परियोजना की लागत का 20 प्रतिशत राशि की पहली किस्त राज्यों के लिए जारी करेगा।
6 सीवरेज और सेप्टेज प्रबंधन परियोजनाओं के लिए 555 करोड़ रुपए और पानी की आपूर्ति की 10 परियोजनाओं के लिए 344 करोड़ रुपए का प्रस्ताव रखा गया है। 13 शहरों में परियोजना खर्च इस प्रकार हैः- ब्यावर-154 करोड़ रुपए, अलवर-130 करोड़ रुपए, भिवाड़ी-110 करोड़ रुपए, नागौर-110 करोड़ रुपए, सीकर-110 करोड़ रुपए, उदयपुर-85 करोड़ रुपए, बारन-50 करोड़ रुपए, चित्तौड़गढ़-40 करोड़ रुपए, गंगानगर शहर-40 करोड़ रुपए, धौलपुर-30 करोड़ रुपए, भीलवाड़ा-25 करोड़ रुपए, सुजानगढ़-25 करोड़ रुपए। आवश्यक सुधारों के कार्यान्वयन के संबंध में राज्य सरकार ने सूचना दी है कि प्रत्येक शहर के लिए वेबसाइट बनाने, सभी 18 कार्यों को शहरी स्थानीय निकायों को हस्तांतरित करने, नियमों में संशोधन, इमारत बनाने के लिए एक जगह पर क्लीयरेंस, कर राजस्व का 90 प्रतिशत कवरेज को अगले 6 से 12 महीने में अमल में लाया जाएगा।
राजस्थान सरकार ने जानकारी दी है कि सांसदों, विधायकों, शहरी स्थानीय निकायों के अध्यक्षों और जनता जैसे साझेदारों के साथ पर्याप्त विचार विमर्श किया गया है और उनके सुझाव और विचारों को सेवा स्तर सुधार योजना में शामिल किया गया है जिन्हें राज्य वार्षिक कार्य योजना तैयार करते समय जोड़ा जाएगा। देश में पहली बार परियोजनाओं की पहचान सहित शहरी विकास योजनाओं को तैयार करने, उनका मूल्यांकन और मंजूरी का कार्य राज्यों को दिया गया है और राजस्थान पहला ऐसा राज्य है जिसने इस नई संरचना के अंतर्गत कार्य किया है। राज्य वार्षिक कार्य योजनाओं की विस्तृत जांच के बाद शहरी विकास मंत्रालय परियोजना की लागत का 20 प्रतिशत राशि की पहली किस्त राज्यों के लिए जारी करेगा।
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