राजस्थान में मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायकों के वेतन-भत्ते बढे

राजस्थान विधानसभा ने बुधवार को राजस्थान मंत्री वेतन (संशोधन) विधेयक, 2017, राजस्थान मंत्री वेतन (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2017 एवं राजस्थान विधानसभा (अधिकारियों तथा सदस्यों की परिलब्धियां और पेंशन) (संशोधन) विधेयक,  ध्वनिमत से पारित कर दिए। संसदीय कार्य मंत्री श्री राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने तीनों विधेयकों के सदन में प्रस्तुत किया। जहाँ राजस्थान राज्य सरकार के कर्मचारी एवं अधिकारी सातवें वेतन आयोग की पिछले 16 महीनों से बाट जो रहे हैं, इस बढ़ोतरी के लिए तीनों विधेयक को बिना किसी चर्चा के चंद मिनटों में ही ध्वनिमत से पारित कर दिया। इन पर न तो किसी विधायक ने कोई विरोध किया, न ही किसी प्रकार का सुझाव दिया।
वेतन भत्तों में हुई बढ़ोतरी के तहत सीएम का वेतन अब 35 हजार से बढ़कर 55 हजार रुपए प्रतिमाह हो गया है। स्पीकर का वेतन 33 हजार से बढ़कर 50 हजार, उपाध्यक्ष का वेतन 30 हजार से बढ़कर अब 45 हजार रुपए प्रति माह हो गया है। वहीं केबिनटे मंत्री का वेतन अब 45 हजार रुपए हो गया है, जो पहले 30 हजार रुपए था। वही राज्य मंत्री की सैलरी 27 हजार से बढ़कर 42 हजार रुपए प्रति माह हो गई है। संसदीय सचिव को अब 27 हजार की जगह 40 हजार रुपए प्रतिमाह मिलेंगे। मुख्यसचेतक को 30 हजार से बढ़कर 45 हजार रुपए प्रति माह दिए जाएंगे। विधायक के वेतन भत्तों में टोटल करीब 28 हजार रुपए बढ़ाए गए हैं। विधायको की सैलरी अब 15 हजार से बढ़कर 25 हजार रुपए प्रतिमाह हो गई है। साथ ही पूर्व विधायकों की पेंशन 15 से बढ़कर अब 25 हजार रुपए प्रति माह हो गई है। साथ ही पूर्व सीएम की सुविधाओं में भी अब इजाफा कर दिया गया है। पूर्व सीएम को आजीवन केबिनेट स्तर के मंत्री के बराबार कार, मकान औऱ स्टाफ की सुविधाएं मिलेगी। साथ ही जयपुर से बाहर जिला मुख्यालय पर भी अब कई सुविधाएं मिलेगी। विधानसभा कार्यवाही के अंतिम दिन वेतन औऱ भत्ते बढ़ाने का प्रस्ताव पारित किया गया।

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