राजस्थान सरकार, भारतीय वन्यजीव संस्थान और केंद्र सरकार के सहयोग से प्रदेश में गोड़ावण को विलुप्त होने से बचाने के लिए संरक्षित प्रजनन केंद्र स्थापित करेगी। राज्य के वन विभाग, केंद्र सरकार और वन्यजीव संस्थान के अधिकारियों एवं अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की शुुुुुक्रवार को दिनभर चली कार्यशाला में इस पर सहमति बनी कि जैसलमेर में राष्ट्रीय मरू उद्यान क्षेत्र (डीएनपी) में गोडावण का हैचिंग सेंटर विकसित किया जाए। इसके पश्चात बारां जिले के सोरसण में एक ब्रीडिंग सेंटर स्थापित करने पर विचार किया जाएगा। कार्यशाला के बाद विशेषज्ञों और प्रतिभागियों ने मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे से मुलाकात कर उन्हें गोडावण संरक्षण योजना की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए गोडावण की विलुप्त होती प्रजाति को बचाना बेहद जरूरी है और यह बात स्थानीय लोगों को समझाई जानी चाहिए ताकि वे इनके संरक्षण में सहभागी बन सकें।
श्रीमती राजे ने मरू उद्यान क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए पुनर्वास की व्यवस्था सुनिश्चित करने तथा उनको विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने की कार्यवाही में गति लाने के निर्देश दिए। उन्होंने डीएनपी क्षेत्र में रसोई गैस वितरण का कार्य भी जल्द पूरा करने को कहा। उन्होंने सवाई माधोपुर अभयारण्य की तर्ज पर गोडावण के संरक्षण में स्थानीय युवाओं को स्वयंसेवक के रूप में जोड़ने की योजना लागू करने का भी सुझाव दिया। बैठक में उज्बेकिस्तान में गोडावण संरक्षण पर कार्य कर रहे विशेषज्ञ श्री कीथ स्कॉटलैण्ड तथा स्पेन के विशेषज्ञ श्री जुआन कार्लोस अलेंग्जो ने इस पक्षी के संरक्षण के लिए वहां किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने प्रस्तावित गोडावण संरक्षण योजना में अपनी सेवाएं देने के लिए सहमति व्यक्त की।
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