राज्य सभा ने जीएसटी यानी वस्तु एवं सेवा कर बिल के लिए लाए गए संविधान संशोधन बिल को पास कर दिया है। बिल के समर्थन में 197 वोट पड़े जबकि बिल का विरोध कर रही तमिलनाडु की पार्टी एआईएडीएमके के 35 सांसदों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया और सदन का बहिष्कार किया। प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने बिल का समर्थन ज़रूर किया लेकिन इसके लिए उसने सरकार के सामने कई शर्ते भीं रखीं। संशोधन बिल पर बहस के दौरान कांग्रेस का पक्ष रखते हुए पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने सरकार से यह भरोसा मांगा कि संविधान संशोधन बिल पास होने के बाद सरकार मूल जीएसटी बिल को पिछले दरवाज़े से पास नहीं कराएगी।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में जीएसटी बिल के पारित होने के अवसर पर सभी पार्टियों और उनके नेताओं का आभार व्यक्त किया है| जीएसटी को सहकारी संघवाद का बेहतरीन उदाहरण बताते हुए प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट्स की श्रृंखलाओं में कहा कि ये सुधार मेक इन इंडिया को प्रोत्साहित करेगा, निर्यात में मदद करेगा और राजस्व को बढ़ाते हुए रोजगार के अवसरों को बढ़ाएगा। “ वास्तव में राज्यसभा में जीएसटी बिल पारित होने के इस ऐतिहासिक अवसर पर मैं सभी नेताओं और सभी पार्टियों को धन्यवाद करता हूं। 21 वीं सदी के लिए भारत को एक अप्रत्यक्ष कर पद्धति देने के लिए हमारे सांसदों को अवश्य ही उनके इस निर्णय पर बधाई दी जानी चाहिए। एक ऐसी प्रणाली जो सभी भारतीयों को लाभ और एकीकृत राष्ट्रीय बाजार को बढ़ावा देती है, को लागू करने के लिए हम सभी पार्टियों और राज्यों के साथ काम करना जारी रखेंगे। ये सुधार मेक इन इंडिया को प्रोत्साहित करेगा, निर्यात में मदद करेगा और इस प्रकार राजस्व को बढ़ाते हुए रोजगार के अवसरों को बढ़ाएगा। मैं ये जोड़ना चाहूंगा कि जीएसटी सहकारी संघवाद का सबसे अच्छा उदाहरण भी होगा। हम एक साथ भारत को प्रगति की नई ऊंचाइयों पर जाएंगे|”
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