चिकित्सा मंत्री ने किया ’’मां’’ कार्यक्रम का शुभारम्भ

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ ने सोमवार को प्रदेश में शिशु मृत्यु दर को कम करने एवं शिशु आहार स्तर को सुदृढ़ कर कुपोषण को दूर करने के उद्देश्य से ’’मां’’ (मदर्स एब्सल्यूएट एफेक्शन) कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। यह कार्यक्रम 29 अगस्त से सभी जिलों में प्रारंभ किया जायेगा।     श्री राठौड़ ने एसएमएस कन्वेशन सेन्टर में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में दीप प्रज्जवलित कर एवं पोस्टर सहित आईईसी सामग्री का विमोचन कर ‘‘मां’’ कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। उन्होंने बताया कि 6 माह तक केवल स्तनपान एवं 5 वर्ष तक मां के दूध के साथ-साथ पोषक आहार पर ध्यान देकर शिशु मृत्यु में 19 प्रतिशत तक कमी लायी जा सकती है। श्री राठौड़ ने कहा कि जन्मते ही बच्चों के लिए मां का दूध सर्वाधिक महत्वपूर्ण घटक है। उन्होंने बताया कि दस्त व निमोनिया 5 वर्ष से छोटे बच्चों की मृत्यु का मुख्य कारण है। मां के दूध पिलाने से शिशुओं में दस्त रोग से मृत्यु होने की संभावना 11 प्रतिशत व निमोनिया से 15 प्रतिशत तक कम हो जाती है। स्तनपान से कुपोषण से होने वाली मौतों से बचाया जा सकता है। चिकित्सा मंत्री ने बताया कि ’’मां’’ कार्यक्रम में स्तनपान व शिशु आहार के संरक्षण के लिए सामुदायिक स्तर एवं चिकित्सा केन्द्र स्तर पर व्यापक वातावरण विकसित किया जायेगा। स्तनपान के महत्व को बढ़ाने के लिए आशा सहयोगिनियों एवं अन्य स्वास्थ्यकार्मिकों के सहयोग से गर्भवती महिलाओं,  धात्री माताओं, उनके परिजनों सहित जनसमुदाय को स्तनपान के महत्व के बारे में जानकारी दी जायेगी। श्री राठौड़ ने बताया कि बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए विषेष प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि चित्तौडगढ़, बूंदी, बारां, टोंक, भरतपुर, अलवर, चूरू, व्याबर, भीलवाडा एवं बांसवाड़ा में 10 करोड़ की राशि से 10 मदर मिल्क बैंक स्थापित किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में एसएमएस मेडिकल कॉलेज जयपुर एवं आरएनटी मेडिकल कॉलेज उदयपुर में मदर मिल्क बैंक संचालित किये जा रहे हैं। प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्रीमती वीनू गुप्ता ने बताया कि स्तनपान व शिशु आहार स्तर को मजबूती देने हेतु राष्ट्रीय कार्यक्रम ’’मां‘‘ प्रदेश में भी प्रारंभ किया जा रहा हैं। केंद्र सरकार के दिशा- निर्देशों के अनुसार इस कार्यक्रम का प्रदेश में सफल क्रियान्वयन किया जायेगा। मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन श्री नवीन जैन ने जिला स्तर पर सफल क्रियान्वयन के लिये जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी के साथ जिला आशा समन्वयक, ब्लाक आशा फेसीलेटर एवं पीएचसी आशा सुपरवाइजर के साथ समन्वित होकर कार्य करने की आवश्यकता प्रतिपादित की। उन्होंने जिला आशा समन्वयकों को आशा संचार के माध्यम से आशा सहयोगिनियों से नियमित संवाद कायम करने पर भी बल दिया। जोधपुर एसएन मेडिकल कॉलेज में शिशु रोग विभाग के प्रो. डा. अनुराग ने प्रजेंटेशन के माध्यम से मां के दूध के लाभ एवं तकनीकी पहलुओं पर प्रजेंटेशन के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी। राज्य सलाहकार श्री देवेन्द्र ने शिशु स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिये मदर मिल्क बैंक, पालना घर इत्यादि नवाचारों के बारे में प्रकाश डाला। यूनिसेफ की श्रीमती सुलग्ना राय ने मां कार्यक्रम के क्रियान्वयन में यूनिसेफ की ओर से पूर्ण सहयोग के लिये आश्वस्त किया। समारोह में बारां जिले के श्री गोपाल धानुका और उनके साथियों ने संस्थागत प्रसव, जच्चा-बच्चा स्वास्थ्य विषय पर नुक्कड़ नाटक के जरिये आकर्षक प्रस्तुति दी। निदेशक आरसीएच डॉ. वी.के. माथुर ने धन्यवाद ज्ञापित किया। 

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